हाले दिल, दिल ही जाने हमे क्या ........... संजय शौर्य

हाले दिल बताने की सजा दिल ही जानेगा ....हमें क्या
दिल लगाने की सजा दिल ही भुगतेगा .....हमें क्या
वक़्त ही जानेगा उस बर्बादी का सिला ....हमें क्या
मुकद्दर ही जानेगा के हमे क्या मिला ....हमे क्या
तुम चली आयी थी पुरवाई सी हमे क्या
जो न जाने उससे क्या रुसवाई हमे क्या
हमे क्या के मिलो तुम या न मिलो हमदम
रब्ब जो न करे वो कम...... हमे क्या ।

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