तुम्हे चुनना ज़िन्दगी चुनना- संजय शौर्य

न बुरे में बुरा चुनना
न अच्छे में अच्छा चुनना
तुम्हे चुनना तो है
ज़िन्दगी में ज़िन्दगी चुनना
शिकवे में गिला चुनना
खोये में मिला चुनना
भूले में किसी की याद
और गम में हँसी चुनना
तुम्हे चुनना तो है
ज़िन्दगी में ज़िन्दगी चुनना ।
वफ़ा में इंतहा चुनना
होशी में बेखुदी चुनना ।
सपने में सपना चुनना
गैरों में अपना चुनना ।
तुम्हे चुनना तो है
ज़िन्दगी में ज़िन्दगी चुनना ।।

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