तेरे गुनहगार हुए हम -- संजय शौर्य
दिल तोड़ के तेरा खुद के ही गुनाहगार हो चले हैं ...
हम
मिटा के तेरी यादों को तेरे ही पनाहगार हो चले हैं ...
हम
ढूंढते थे कभी तुम्हे अपनी किस्मत की लकीरों में ...
हम
आज तेरे नाम के ही पेशगार हो चले हैं ...
हम॥
हम
मिटा के तेरी यादों को तेरे ही पनाहगार हो चले हैं ...
हम
ढूंढते थे कभी तुम्हे अपनी किस्मत की लकीरों में ...
हम
आज तेरे नाम के ही पेशगार हो चले हैं ...
हम॥
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