तेरा नाम शायरी है
आफ़ताब -ए- इश्क देखने की जो तमन्ना हो,
मेरी आँखों में झांक खुद की तस्वीर देख लेना ।।
जो गुर्बत किसी के नसीब की देखना चाहो,
मेरे हाथों में अपने नाम की धुंधली सी लकीर देख लेना --संजय
मेरी आँखों में झांक खुद की तस्वीर देख लेना ।।
जो गुर्बत किसी के नसीब की देखना चाहो,
मेरे हाथों में अपने नाम की धुंधली सी लकीर देख लेना --संजय
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