इस देश में -------संजय शौर्य
किसकी सुनिए किसको कुछ कहिये इस देश में
होंठ सिल सब सहते रहिये इस देश में ।
संत भगवा ओढ़ कर रहे व्यभिचार इस देश में
गुंडे चुनावों में देते हैं इश्तेहार इस देश में । किसकी सुनिए किसको कुछ कहिये इस देश में.......
जिसको होना हो सूली पर, वो मांग रहा अनुदान इस देश में ।
देश का दुश्मन ही बन जाता है खास मेहमान इस देश में ।
बन कर शांत गंगा बहते रहिये इस देश में
किसकी सुनिए किसको कुछ कहिये इस देश में ।
योजनायें हैं कागजी और कलमें हैं खंजर इस देश में ।
कहीं कंठ सूखा है और खेत हैं बंजर इस देश में...
किसकी सुनिये किसे कुछ कहिये इस देश में.......
किसान है भूखा, लोन कम होता नहीं
किंग एक फिशर हजारों ले उड़ता है इस देश में
जो खेल है देश का उसको कोई पूछता नहीं
गोरों के खेलों पर बनते हैं देशभक्त इस देश में ....
किसकी सुनिये किसे कुछ कहिये इस देश में....... बन कर शांत गंगा बहते रहिये इस देश में........
होंठ सिल सब सहते रहिये इस देश में ।
संत भगवा ओढ़ कर रहे व्यभिचार इस देश में
गुंडे चुनावों में देते हैं इश्तेहार इस देश में । किसकी सुनिए किसको कुछ कहिये इस देश में.......
जिसको होना हो सूली पर, वो मांग रहा अनुदान इस देश में ।
देश का दुश्मन ही बन जाता है खास मेहमान इस देश में ।
बन कर शांत गंगा बहते रहिये इस देश में
किसकी सुनिए किसको कुछ कहिये इस देश में ।
योजनायें हैं कागजी और कलमें हैं खंजर इस देश में ।
कहीं कंठ सूखा है और खेत हैं बंजर इस देश में...
किसकी सुनिये किसे कुछ कहिये इस देश में.......
किसान है भूखा, लोन कम होता नहीं
किंग एक फिशर हजारों ले उड़ता है इस देश में
जो खेल है देश का उसको कोई पूछता नहीं
गोरों के खेलों पर बनते हैं देशभक्त इस देश में ....
किसकी सुनिये किसे कुछ कहिये इस देश में....... बन कर शांत गंगा बहते रहिये इस देश में........
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