हम हो गए चटोरे -- संजय शौर्य
तेरा इश्क़ एक सदमा
वफ़ा सुर्खियां बटोरे
हर अदा तेरी कातिल
हम हो गए चटोरे ।
दिल के दरख़्त पर
फूलों का गुलसिता है
तेरी ही बस कहानी
किस्सा है फ़लसफ़ा है
मिन्नतें कैसी कैसी
मुह जुबानी याद सब है
इतना बस बता देना
दिन ए इकरार रात कब है ।
है मय्यसर कहाँ इश्क़ सब को
झूठी ये बातें सारी
हम कल ही मिले थे
तुम्हे भूलने की बीमारी ।
सर्द राते कैसे काटें
बिस्तर में जब हों कांटे
तन्हा तन्हा तो
अब खाब भी नहीं आते ।।
तेरा इश्क़ एक सदमा
वफ़ा सुर्खियां बटोरे
हर अदा तेरी कातिल
हम हो गए चटोरे ।।।
$anjay $haurya
14अगस्त 2017
8:30am
Comments
Post a Comment