सफर
विजयी श्री जो कदम चूमे इठलाना नहीं गरुर मत करना बस सोचना आसमा अभी आगे और भी है और फिर फिर से तैयार होना इससे भी बड़े आस मा पे अपना हक़ पाने को , रो लेना गर तुम इस बार विजयी नहीं हुए और फिर .... फिर से तैयार होना अगली लड़ाई के लिए पहले से लाख गुना उत्साह और जुनून के साथ ... याद रखो कारवां का अपना मजा है रास्ते की मुश्किले जो अनुभव देती हैं वो मंज़िलें कभी नहीं दे सकती .... और जीवन हर दिन के नए अनुभव से सीख कर जीते जाना है उस ख्वाब की खातिर जो अभी तक तुमने पाया नहीं या जो तुमने अभी तक देखा ही नहीं .... संजय शौर्य