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Showing posts from February, 2018

तू आकाश जैसी शख्सियत

तू आकाश जैसी शख्सियत मेरा वस्ल बस कदमों की जमी तेरा तिलिस्म फ़ना कर दे सबको मेरी मल्खियत बस पलको की नमी लिहाफ़ ओढ़े यादें आती हैं..  और उसके हर हल्फ़ में तेरी ही कमी....

कितना और चाहूँ के दिल पिघल जाए

और किसे दिल की बात समझाये के खाना बदोश को होश आ जाये उस नुक्क्ड पे दिल हम छोड़ आये जिसे भी मिले दर पे मेरे ले आये... कितना और चाहूँ के दिल पिघल जाए .. रुतबा ए जिगर तेरा सलामत रहे .. हौ...

Teri AAARZU ZUSTAJU TERI CHAAHAT

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Teri aarzu, zustaju teri chahat