तटस्थ सच

नाम सिया का आता पहले
जिसको सुख ना कोइ मिला है.. 
हम वो ही देखे हैं हम वो ही समझे
आभामंडल उसका मगर बेहद घना है..
स्वतंत्र तन्त्र में स्व अस्तित्व की
पराधिनता है मनुज में बस स्वयम की. 
बन्धन मुक्त हुआ जो तटस्थ बडा है ..
नाम सिया का आता पहले
जिसको सुख ना कोइ मिला है.. 

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