आंखें और नींद

आंखों में छिपी नींद 
की तरह है जिंदगी में 
छिपी सच्चाई 
ये दिखाई देती है 
जब जिंदगी रुक 
जाए जब ये थम जाए ! 
उसुलों की सूली पर 
टंगी होती है 
गर्द इस कदर 
जब छू लो 
गरज जाए बिखर जाए । 
मजाल है कोई 
 ठीक कर दे 
रंजिश घड़ी 
की सुइयों की  
ये जब देखो बिगड़ जाए 
ये जब देखो लड़ जाए । 

संजय शौर्य 
2 सितंबर 2020 7:26प्रातः 



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