Posts

Showing posts from September, 2020

आंखें और नींद

आंखों में छिपी नींद  की तरह है जिंदगी में  छिपी सच्चाई  ये दिखाई देती है  जब जिंदगी रुक  जाए जब ये थम जाए !  उसुलों की सूली पर  टंगी होती है  गर्द इस कदर  जब छू लो  गरज जाए बिखर जाए ।  मजाल है कोई   ठीक कर दे  रंजिश घड़ी  की सुइयों की   ये जब देखो बिगड़ जाए  ये जब देखो लड़ जाए ।  संजय शौर्य  2 सितंबर 2020 7:26प्रातः