बस नाम नमामी गंगे है

*बस नाम नमामी गंगे है *
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धुन्ध में भी साफ़ दिखता है
कोन किसके संगे है ..
वोट और कुर्सी की होड़ में
होते नित नये नये पंगे हैं
भाषण प्रवचन का साबुन लगा
इस हमाम में सब नंगे हैं 
बस नाम नमामी गंगे है ... 
हमको भड्काता माइक है
वो लम्फ़ट कहाँ इतने चंगे हैं
रामलला को छत देंगे
इश्तेहार सड़क पर टंगे हैं
इस हमाम में सब नंगे हैं 
बस नाम नमामी गंगे है ... 
वह्शी बने इंसान यहाँ
करते मजहबी दंगे हैं
इस हमाम में सब नंगे हैं 
बस नाम नमामी गंगे है ...

©sanjay

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