यारो का फ़ल्सफ़ा
इन आँखो में दर्द के साये बार बार दिखते हैं.. बिखरे टूटे आइनो में जैसे चेहरे हज़ार दिखते हैं... रातभर लश्कर चला है फ़िर किसी की याद में ... ताउम्र जो साथ चलें अब कहाँ वो यार दिखते हैं.... #स...
वो शेर जिन्हें तुम अल्फाजों के तानेबाने से बांध कर अर्ज करते फिरते हो,,वो मेरे दिमागी अभयारण्य में छुट्टे घुमा करते हैं - संजय "शौर्य"।।