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Showing posts from October, 2017

गों कु बाटु

गों कु बाटु ऐच धारो मां मन्खियो कू लि जान्द सरसरी बथ्यो का दग्डा उड़ी उड़ी जान्द ज्यु  बाटु मिथे गों बटी शेहर मा लान्द वै बाटु वखी गों बट्टी इकुलि रेह जान्द गों कु बाटु ऐच ध...

Muqaddar संभालिए

इतना ठहराव ठीक नहीं दिन कुछ बहते गुजारिए शुरू होंगे फिर से मोहब्बत के सिलसिले हुस्न बिखरा पड़ा है जरा दिल संभालिए मंजिल पर बेशक रहे नजरे इनायत आपकी टूटे हुए रास्तों पर ले...